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Sunday, 25 February 2024

नृसिंह सरस्वती प्रार्थना


 

महाराज आम्हा तुम्हाविण रहाणे नेणे।

तरी राहो आम्ही तव नाम:स्मरणे।

सारतो दिनरात।।

 

तुम्ही द्या हो लक्ष आम्हा भक्तांवर।

जेवी नजर ठेवी कासवी पिलांवर।

राहु निश्चिंत तव दृष्टीत, जरी असो दुर।

आनंद निमग्ने ।।

 

कृपादृष्टी पहावे आम्हांस तुम्ही।

प्रतिपाळावे स्वामी जन्मो जन्मी।

करावी ही इच्छा पूर्ण तुम्ही।

भक्त हट्टा लागुनी।।

 

आम्ही तुमचे दास मनी हेची आस।

सेवा घडावी तुमची जन्मोजन्मी।

तुमचा सहवास नित्य आम्हा। 

आम्ही पूजावे सदा तुम्हा।

मनी ही इच्छा एकाची।।

 

आमचे तुम्हीच श्रीगुरु कल्पद्रुमु।

तूची भक्तांची माय कामधेनु।

घेतला भक्तांकारणे हा अवतारु।

अनुभवाने बोलत असे।।

 

स्वामी राखावे स्व:ब्रिदांस

रक्षून भवार्णी या दासास

'मेघ' म्हणे गुरुराया

द्यावा ठाव तुझिया पाया।

आकंठ ज्ञानामृते भिजवावा 

कृपासिंधु ।।

 

 

अवधूत चिंतन श्री गुरुदेव दत्त

🙏🔥🙏


आज रविवार २५/२/२०२४ , माघ वद्य प्रतिपदा , शोभकृत नाम सवंत्सर , सायंकाळी ६:५५ PM

श्री नृसिंह सरस्वती स्वामी महाराज निजानंदधाम प्रयाण दिवस , 


अजय सरदेसाई (मेघ) 

Thursday, 22 February 2024

दिगंबरा दिगंबरा श्रीपाद वल्लभ दिगंबरा


 

सद्गुरू हे सुंदर रुप तुझे मनभावन

प्रेमे न्याहाळिती मम तव सुलोचन

श्री दत्ता तुच सर्वस्वी सर्वकार्य कारण 

भक्तांसी तूची प्रतिपाळीसी प्रेमा लागून 

चित्त जडो हे माझे तझ्या श्री चरणी

हा जीव कायामनोवाचे लागो तुझे कारणी  

सद्गुरू तुजवीण तारील कोण मज या भवार्णी

मजवर अखंड कृपा दृष्टी तुझी असावी दातारा

दिगंबरा दिगंबरा श्रीपाद वल्लभ दिगंबरा

 

गुरुवार , २२/२/२०२४ , १:४६ PM

अजय सरदेसाई (मेघ)

Wednesday, 21 February 2024

भाग्य , किस्मत , तक़दीर


 

किसी का भाग्य,किसी की किस्मत

किसी की तकदीर सवर जाती है

सबकी जिन्दगी उभर जाती है

हे कृष्ण जब तेरी कृपा होती है II II

 

अहो भाग्य मेरे के मैने दिलसे जाना तुझे

क़िस्मत बुलंद थी मेरी जो दिलसे पुकारा तुझे

हे कृष्ण मेरी तकदीर सवर गयी

जब कृपाकर हे सखा तुने स्विकारा मुझे II II

 

तुम हो साथ मेरे तो क्या भाग्य होगा

फुटी क़िस्मत उसकी जो तुमसे अन्जान रहेगा

उसकी तकदीर का क्या कहने भगवन

हे कृष्ण सखा मेरे जिस दिल में तु बसेगा II II

 

बुधवार,२१//२०२४ , :३७ PM

अजय सरदेसाई (मेघ)

Sunday, 18 February 2024

अलवार सुगंध हिनेचा



अलवार सुगंध हिनेचा
दरवळला घरात माझ्या
मनात खुण पटली
आगमन तुझेच आहे।।१।।
 
बंद होतां पापण्या
तुलाच पाहतो मी
पुर्ण चंद्र आसमंती
स्वरुप तुझेच आहे  ।।२।।
 
श्वासात तुच माझ्या
तुच स्पंदनात आहे
तुच नादब्रह्म माझा
ओंकार तुच आहे।।३।।
 
कृष्णे ने पादुकांचा
मंगल अभिषेक केला
मृदु स्पर्शाने चरणांच्या 
प्रवाह शांत झाला ।।४।।
 
वाडी कृष्णा किनारी
मज खुणवित आहे
मनोहर चरण युग्म
मी ओवाळितो आहे ।।५।।


 माथा चरण युग्मां वर
मुखी दत्तात्रय नाम
शैवटल्या क्षणी त्या
गवसो कैवल्य धाम ।।६।।

 

IIअवधूत चिंतन श्री गुरुदेव दत्त II

 

रविवार १८//२०२४ , ०३:४० PM

अजय सरदेसाई (मेघ)


 

Saturday, 17 February 2024

तुम सतगुरु मेरे ,मैं तुम पर बलिहारी


 

तुम हो अमित, निर्गुण निराकार।
मैं हूँ,सिमित, इक छोटा सा आकार।

तुम इंद्रिय रहीत भगवन, उनसे भी परे।
मैं मोहताज इंद्रियों का मन से बंधा रे।
तुम मेरे लिए सिमीत हो जाओ।
अपना लघु स्वरुप दिखलाओ।
पंचेंद्रियों से आकलन हो जिसका।
उस आकार में प्रकट हो जाओ।
मैं तुम्हें फिर जी भर देखू
छबी तुम्हारी हृदय में समेटूं
अर्जुन को कुरुक्षेत्र में विराट स्वरुप दिखाया।
कुमसी में यतीश्वर त्रिविक्रम वहीं दर्शन पाया
तुम हो सम्पूर्ण ! तुम्ही जगत के पालनहारी।
मैं तुम बिन अपूर्ण हूँ, हे विभो बलिहारी1   
तुम सतगुरु मेरे ,मैं तुम पर बलिहारी2

 

 

शनिवार, १७//२०२४ , :४३ PM

अजय सरदेसाई (मेघ)


1 बलवान , शक्तिवान

2 न्योछावर , श्रद्धा आदि के कारण अपने आपको उत्सर्ग कर देना

सदगुरु ह्रदय वंदना


 जाने कब काम विरहीत स्वामी मेरा मन होगा 

 जाने सदगुरु कब आपका मुझे दर्शन होगा।।


बिते  जाने जन्म कितने और कितनीं बदली मैंने काया।

फिर भी भ्रम में मैं लिपटा निरंतर,मोह से  छुट पाया।।


जन्मों से बैठे आस लगाए , स्वामी मुझ पर आँखे बिछाए 

मै ही नादान,कमजर्फ,कमीना तेरी तगमग  समझ पाया।।


मैं खड़ा इस किनारे और तू उस पार राह तक रहा।

बिच में दरिया उफान पे हैकैसे अब मैं पोहचू वहाँ।।


मैं हूँ एक मुर्ख मर्त्य जीव ,भवार्ण तैरु मुझ में ऐसी शक्ति कहाँ।

शरण आया हूँ आपको सदगुरु अब आपही ले चलो मुझे वहाँ।।


मैंने आपको मनुष्य समझा ,सदगुरु ये मेराही दुर्गुण रहां।

आप हो स्वयं त्रिमुर्ति स्वामी आपसे भला क्या  हुआ ?


 स्वामी बंद करो अब खेल ये तेरे और लेलो मुझको अपनी शरण।

यही हो अब आखरी जन्म मेरा और मेरे तन का हो आखिरी मरण।।  

अवधूत चिंतन श्री गुरुदेव दत्त

     🙏🔥🙏

 

शनिवार, १७//२०२४ , :५० PM
अजय सरदेसाई (मेघ)