महा दूर्गे हे भवानी माॅं ।
आ मेरे घर तु पधारकर।
मेरी भक्ति पर माॅं प्रसन्न हो ।
मेरी प्रार्थना का तु स्विकार कर ।
हे देवी माॅं तु कृपालिनी ।
तु दैत्यों की संहारीणी ।
मुझ में माॅं अनंत दैत्य बसे ।
माॅं उन पर घनघोर वार कर ।
माॅं तु उनका पुर्ण संघार कर ।
हे माता जगदंबा हे दियानिधे।
अपनी दृष्टी से न ओझल कर मुझे।
तु अपने कृपा कटाक्ष से देख मुझे।
मैं तेरा लाल हु माॅं तु संभाल मुझे।
है आश्विन शुक्ल प्रतिपदा आज।
तेरे आने का माॅं है दिवस आज।
ऐ माॅं तु जल्दी जल्दी मेरे घर पधार।
बिन तेरे मेरे सब बिघडे है काज ।
महा दूर्गे हे भवानी माॅं ।
आ मेरे घर तु पधारकर।
मेरी भक्ति पर माॅं प्रसन्न हो ।
मेरी प्रार्थना का तु स्विकार कर ।
।। बोलो अंबे माता की जय हो।।
🙏🪔🪔🙏
रविवार १५/१०/२०२३ , ३:५२ PM
अजय सरदेसाई (मेघ)
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