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Tuesday, 12 November 2024

मेरी नैया पार कराएगा


 

निसदिन मैं तेरी राह निहारु,तु और कितना तडपाएगा।

ईस रैन को जन्मों बिते,कब सुबह होगी और तु आएगा ।।

पापांधकार से मै घिरा हुं,ना है मुझे कोई सुख चैन।

तुम बिन गुरुवर कौन जिवन मे आशा का दिप जलाएगा।।

आर्त स्वर से पुकारु तुझको,अब तो तु सुन ले मेरी गुहार।

तुम बिन कौन इस भवसागर में मेरी नैया पार कराएगा।।

 

सोमवार, ११/११/२०२४ , १६:०० PM

अजय सरदेसाई (मेघ)

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