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Saturday 12 October 2024

हे इश्वर शायद


हे इश्वर शायद तुझे याद करने का समय आया ।
अस्तित्व तेरा परखने का शायद अब समय आया ।।
उम्रभर बिना कोई सवाल किये दिलसे तुझे पुजा मैंने।
अब उसी सेवा का सिला मांगने का समय आया।।
अगर तुम हो ही नही तब तो कोई शिकायत का सवाल ही नही।
मगर तुम हो अगर तो शिकवा तुम से करने का समय आया।।
काश के मेरी दुआ तुम तक पहुंचे।
न जाने मुझे तुमपर क्यों मलाल आया।।
तु अगर है तो सुन मेरी, एक बार सामने आ।
आज जिभर के तुम से बातें करु,ये खयाल आया।।
इम्तेहान यह मेरा ही नही तेरा भी है।
दोनों के इम्तेहान का आज देख समय आया।।
गुरुवार, ११/१०/२०२४ , १४:३२ PM
अजय सरदेसाई (मेघ)



 

देवी स्तुति


तू धर्म धारिणी,तू सर्व कारिणी

तू सुकर्म धात्री,तू सुख दायिनी

तू दुष संहारिणी,तू सद् रक्षिणी

तू मंगल रुपिणी,तू मंगल कारिणी

तू दया निधे,तू कृपा कारिणी 

तू घोरकष्ट निवारिणि,तू सर्व संकट हारिणि

हे महादेवी मम मातरुणि,हे सर्वदा आनंद दायिनी

मम त्वाम प्रार्थये नित्यं,हे विश्वकल्याणी

चतृर्थ पुरुषार्थ देहि मां,सर्व संकट निवारि मां 

उत्तम आरोग्य देहि मां,दीर्घ आयुष्य देहि मां

धनद ,धन देहि मां,सर्व सुःख देहि मां

तव भक्ति देहि मां.बालकः मेघः तव शरणं गतोऽस्मि

कृपां कुरु मे, दुःखानि हरेष्टुम्

त्वं ममत्वं सदा मयि भवतु

त्वदीयं कृपां सदा मयि वर्ततु

दशदिशां यच्छ रक्षणं कुरु

माँ सरद्वदा कृपा ते सदा वर्ततु

 

शनिवार , १२/१०/२०२४  , ११:५० AM

आश्विन शुक्ल नवमी/दशमी   ( दशहरा )

अजय सरदेसाई (मेघ)

 

हिंदी अर्थ  

तुम धर्म का पालन करने वाली हो।

सभी कार्यों को करने वाली हो।

तुम अच्छे कर्मों का पालन करने वाली हो।

तुम सुख देने वाली हो।

तुम बुराइयों का नाश करने वाली हो।

तुम सद्गुणों की रक्षा करने वाली हो।

तुम मंगलमय स्वरूप वाली हो।

तुम शुभ कार्य करने वाली हो।

तुम दया का भंडार हो।

तुम कृपा करने वाली हो।

तुम भयंकर कष्टों का निवारण करने वाली हो।

तुम सभी संकटों को हरने वाली हो।

हे महादेवी, मेरी माँ!

हे, जो हमेशा आनंद देने वाली हो।

मैं तुम्हारी (हे देवी) नित्य प्रार्थना करता हूँ।

हे, विश्व का कल्याण करने वाली।

मुझे चारों पुरुषार्थ (धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष) दे।

सभी संकटों को दूर करो।

मुझे उत्तम स्वास्थ्य दो।

मुझे दीर्घ आयु दो।

मुझे धन और समृद्धि दो।

मुझे सभी सुख प्रदान करो।

मुझे अपनी भक्ति दो।

बालक "मेघ" तुम्हारी शरण में आया है।

कृपा करो मुझ पर,मेरे दुःखों को हरो।

तुम मुझ पर सदा ममता रखो।

तुम्हारी कृपा सदा मुझ पर बनी रहे।

सभी दिशाओं से मेरा रक्षण करो।

माँ, तुम्हारी कृपा हमेशा बनी रहे।


मराठी अर्थ

 

तू धर्माचे धारण करणारी आहेस.

सर्व कार्ये करणारी आहेस.

तू चांगल्या कर्मांची धात्री आहेस.

तू सुख देणारी आहेस.

तू दुर्जनांचा नाश करणारी आहेस.

तू गुणिजनांचे रक्षण करणारी आहेस.

तू मंगलमय स्वरूपाची आहेस.

तू शुभ कार्य करणारी आहेस.

तू दयाचा भांडार आहेस.

तू कृपा करणारी आहेस.

तू भयंकर कष्टांना दूर करणारी आहेस.

तू सर्व संकटे नष्ट करणारी आहेस.

हे महादेवी, माझ्या माते !

हे, सर्वदा आनंद देणारी देवी.

मी तुझी (हे देवी) नित्य प्रार्थना करतो.

हे, जगाचे कल्याण करणारी.

मला चार ही पुरुषार्थ (धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष) दे.

माझी सर्व संकटे दूर कर.

मला उत्तम आरोग्य दे.

मला दीर्घ आयुष्य दे.

मला धन आणि समृद्धी दे.

मला सर्व सुख प्रदान कर.

मला तुझी भक्ती दे

बालक "मेघ" तुझ्या शरणात आला आहे.

माझ्यावर कृपा कर, माझ्या दुःखांना दूर कर.

तू माझ्यावर सदैव ममता ठेव.

तुझी कृपा सदैव माझ्यावर राहो.

सर्व दिशांनी माझे रक्षण कर.

आई, तुझी कृपा नेहमी राहो

Sunday 6 October 2024

देवी स्तवन

रण चंडी तु कात्यायनी

सिंहवाहिनी तु रणखंभिनी

रक्तजिव्हा तु रक्तबिज मारीणी

छिन्नमस्ता तु रक्तपिपासनी

हे तारणहार सबका जिवन सवार

म्लेच्छों का वध कर हमको तु तार

संकट में धर्म है

धरती माँ विछिन्न है

राह तेरी देख रहे 

सब गुणी जन है

अष्टभुजाओं मे शस्त्र लिए

सभी तेरे अस्त्र लिए

अंगार आंखों में लिए

मुखपर आवेश लिए

जिव्हा पर रक्त की प्यास लिए

दुष्टों को कंठस्नान कराने

तु धरती पर उतर

हे भक्त तारिणी हे म्लेच्छ मर्दनी

दुष्टों को ताडने तु इस जमीं पर

माँ जब तेरी नवरात्र है

क्यों हम गलितगांत्र है

देख दुश्मन ने घेरा

कैसे पूरा राष्ट्र है

प्रेम की आड़ में

प्रेम की दुकान में

देख कैसे बेच रहा

आतंक का सामान है

अपने ही देश में

दोस्त के भेस में

लूट रहा हमीको

हमारा मेहमान है

माँ अब तो कृपा कर

दुष्ट दोस्त का संघार कर

सनातन धर्म की रक्षा के लिए  

माँ अब जल्दी  

माँ अब जल्दी  

 

रविवार , ०६/१०/२०२४  , १३:४० PM

अजय सरदेसाई (मेघ)