My thoughts on Spirituality , Vedant and us & its different aspects related to us .
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Saturday 12 October 2024
हे इश्वर शायद
देवी स्तुति
तू धर्म धारिणी,तू सर्व कारिणी
तू सुकर्म धात्री,तू सुख दायिनी
तू दुष संहारिणी,तू सद् रक्षिणी
तू मंगल रुपिणी,तू मंगल कारिणी
तू दया निधे,तू कृपा कारिणी
तू घोरकष्ट निवारिणि,तू सर्व संकट हारिणि
हे महादेवी मम मातरुणि,हे सर्वदा आनंद दायिनी
मम
त्वाम प्रार्थये नित्यं,हे विश्वकल्याणी
चतृर्थ पुरुषार्थ देहि मां,सर्व संकट निवारि मां
उत्तम आरोग्य देहि मां,दीर्घ आयुष्य देहि मां
धनद ,धन देहि मां,सर्व सुःख देहि मां
तव भक्ति देहि मां.बालकः मेघः तव शरणं गतोऽस्मि
कृपां कुरु मे, दुःखानि हरेष्टुम्
त्वं ममत्वं सदा मयि भवतु
त्वदीयं कृपां सदा मयि वर्ततु
दशदिशां यच्छ रक्षणं कुरु
माँ सरद्वदा कृपा ते सदा वर्ततु
शनिवार , १२/१०/२०२४ , ११:५० AM
आश्विन शुक्ल नवमी/दशमी ( दशहरा
)
अजय सरदेसाई (मेघ)
हिंदी अर्थ
तुम धर्म का पालन करने वाली हो।
सभी कार्यों को करने वाली हो।
तुम अच्छे कर्मों का पालन करने वाली हो।
तुम सुख देने वाली हो।
तुम बुराइयों का नाश करने वाली हो।
तुम सद्गुणों की रक्षा करने वाली हो।
तुम मंगलमय स्वरूप वाली हो।
तुम शुभ कार्य करने वाली हो।
तुम दया का भंडार हो।
तुम कृपा करने वाली हो।
तुम भयंकर कष्टों का निवारण करने वाली हो।
तुम सभी संकटों को हरने वाली हो।
हे महादेवी, मेरी माँ!
हे, जो हमेशा आनंद देने वाली हो।
मैं तुम्हारी (हे देवी) नित्य प्रार्थना करता हूँ।
हे, विश्व का कल्याण करने वाली।
मुझे चारों पुरुषार्थ (धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष) दे।
सभी संकटों को दूर करो।
मुझे उत्तम स्वास्थ्य दो।
मुझे दीर्घ आयु दो।
मुझे धन और समृद्धि दो।
मुझे सभी सुख प्रदान करो।
मुझे अपनी भक्ति दो।
बालक "मेघ" तुम्हारी शरण में आया है।
कृपा करो मुझ पर,मेरे दुःखों को हरो।
तुम मुझ पर सदा ममता रखो।
तुम्हारी कृपा सदा मुझ पर बनी रहे।
सभी दिशाओं से मेरा रक्षण करो।
माँ, तुम्हारी कृपा हमेशा बनी रहे।
मराठी अर्थ
तू धर्माचे धारण करणारी आहेस.
सर्व कार्ये करणारी आहेस.
तू चांगल्या कर्मांची धात्री आहेस.
तू सुख देणारी आहेस.
तू दुर्जनांचा नाश करणारी आहेस.
तू गुणिजनांचे रक्षण करणारी आहेस.
तू मंगलमय स्वरूपाची आहेस.
तू शुभ कार्य करणारी आहेस.
तू दयाचा भांडार आहेस.
तू कृपा करणारी आहेस.
तू भयंकर कष्टांना दूर करणारी आहेस.
तू सर्व संकटे नष्ट करणारी आहेस.
हे महादेवी, माझ्या माते !
हे, सर्वदा आनंद देणारी देवी.
मी तुझी (हे देवी) नित्य प्रार्थना करतो.
हे, जगाचे कल्याण करणारी.
मला चार ही पुरुषार्थ (धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष) दे.
माझी सर्व संकटे दूर कर.
मला उत्तम आरोग्य दे.
मला दीर्घ आयुष्य दे.
मला धन आणि समृद्धी दे.
मला सर्व सुख प्रदान कर.
मला तुझी भक्ती दे.
बालक "मेघ"
तुझ्या शरणात आला आहे.
माझ्यावर कृपा कर, माझ्या दुःखांना दूर कर.
तू माझ्यावर सदैव ममता ठेव.
तुझी कृपा सदैव माझ्यावर राहो.
सर्व दिशांनी माझे रक्षण कर.
Sunday 6 October 2024
देवी स्तवन
रण चंडी तु कात्यायनी
सिंहवाहिनी तु रणखंभिनी
रक्तजिव्हा तु रक्तबिज मारीणी
छिन्नमस्ता तु रक्तपिपासनी
हे तारणहार सबका जिवन सवार
म्लेच्छों का वध कर हमको तु तार
संकट में धर्म है
धरती माँ विछिन्न है
राह तेरी देख रहे
सब गुणी जन है
अष्टभुजाओं मे शस्त्र लिए
सभी तेरे अस्त्र लिए
अंगार आंखों में लिए
मुखपर आवेश लिए
जिव्हा पर रक्त की प्यास लिए
दुष्टों को कंठस्नान कराने
तु धरती पर उतर आ
हे भक्त तारिणी हे म्लेच्छ मर्दनी
दुष्टों को ताडने तु इस जमीं पर आ
माँ जब तेरी नवरात्र है
क्यों हम गलितगांत्र है
देख
दुश्मन ने घेरा
कैसे
पूरा राष्ट्र है
प्रेम की आड़ में
प्रेम की दुकान में
देख कैसे बेच रहा
आतंक का सामान है
अपने ही देश में
दोस्त के भेस में
लूट रहा हमीको
हमारा मेहमान है
माँ अब तो कृपा कर
दुष्ट दोस्त का संघार कर
सनातन धर्म की रक्षा के लिए
माँ आ अब जल्दी आ
माँ आ अब जल्दी आ
रविवार , ०६/१०/२०२४ , १३:४० PM
अजय सरदेसाई (मेघ)