जयकाल
महाकाल
विक्राल
शंभो।
मै
भक्त
तेरा,मेरे
सबकुछ
ही
तुम
हो।।
जयकाल
महाकाल
जयकाल
महाकाल
तेरा
महिमा
कौन
समझ
पावे।
नही
ऐसा
कोई
जो
तुमसे
छिप
पावे।।
जयकाल
महाकाल
जयकाल
महाकाल
जयकाल
महाकाल
विक्राल
शंभो।
मै
भक्त
तेरा,मेरे
सबकुछ
ही
तुम
हो।।
डमडमडम
डमरु
का
जब
नाद
आवे।
उस
नाद
से
काल
आगे
को
बढ
जावे
।।
जयकाल
महाकाल
जयकाल
महाकाल
जयकाल
महाकाल
विक्राल
शंभो।
मै
भक्त
तेरा,मेरे
सबकुछ
ही
तुम
हो।।
तेरी
शरण
मे
जब
कोई
शरणांगत
आवे।
कभी
भी
न
हो
ऐसा
वो
विन्मुख
जावे।।
जयकाल
महाकाल
जयकाल
महाकाल
जयकाल
महाकाल
विक्राल
शंभो।
मै
भक्त
तेरा,मेरे
सबकुछ
ही
तुम
हो।।
तांडव
से
तेरे
प्रलय
भिषण
आवे।
जिससे
ब्रम्हांड
नष्ट
हो
जावे।।
जयकाल
महाकाल
जयकाल
महाकाल
जयकाल
महाकाल
विक्राल
शंभो।
मै
भक्त
तेरा,मेरे
सबकुछ
ही
तुम
हो।।
जटाओं
से
अपनी
भैरव
को
उपजावे।
भैरव
से
दुष्टों
का
संघार
करावे।।
जयकाल
महाकाल
जयकाल
महाकाल
जयकाल
महाकाल
विक्राल
शंभो।
मै
भक्त
तेरा,मेरे
सबकुछ
ही
तुम
हो।।
जब
लावे
अकस्मात
संकट
कोई
बैरी।
जो
संकट
में
ढाल
बने
वो
ढाल
तुम
हो।।
जयकाल
महाकाल
जयकाल
महाकाल
जयकाल
महाकाल
विक्राल
शंभो।
मै
भक्त
तेरा,मेरे
सबकुछ
ही
तुम
हो।।
मै
मुढ
कैसे
तेरा
बखान
गाऊं।
जो
कंठ
गाए
वो
आवाज
तुम
हो।।
जयकाल
महाकाल
जयकाल
महाकाल
जयकाल
महाकाल
विक्राल
शंभो।
मै
भक्त
तेरा,मेरे
सबकुछ
ही
तुम
हो।।
तुझे
समझ
पाऊ
ऐसी
बुद्धी
मुझे
दो।
तुझे
देख
पाऊ
ऐसी
दृष्टी
मुझे
दो।।
जयकाल
महाकाल
जयकाल
महाकाल
जयकाल
महाकाल
विक्राल
शंभो।
मै
भक्त
तेरा,मेरे
सबकुछ
ही
तुम
हो।।
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