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Sunday, 2 March 2025

नमो नमोजी शंकरा देवाधिदेव शंकरा


नमो नमोजी शंकरा
देवाधिदेव शंकरा
तेरे अनुपन तेज से
मेरे जिवन से तिमीर हरा
 
स्थितप्रज्ञ जो वो सांब तू
जिवन का आधार तू
कृपा की बरसात तू
चाहु जिसे वो आस तू
 
नमो नमोजी शंकरा
देवाधिदेव शंकरा
तेरे अनुपन तेज से
मेरे जिवन से तिमीर हरा
 
आदीनाद ओंकार तू
अनंत जो वो महाकाल तू
अक्राल तू विक्राल तू
कण भी तू विशाल तू
 
नमो नमोजी शंकरा
देवाधिदेव शंकरा
तेरे अनुपन तेज से
मेरे जिवन से तिमीर हरा
 
तू शांत भी और ऋद्ध तू
सुर असुरों का आराध्य तू
ब्रम्हांड थरथर जिसे कांपता
वो प्रलयंकारी रुद्र तू
 
नमो नमोजी शंकरा
देवाधिदेव शंकरा
तेरे अनुपन तेज से
मेरे जिवन से तिमीर हरा
 
तुझे जाने कौन निराकार तू
तू सभी कुछ सब आकार तू
सभी मे है शिव निवास तेरा
हर जिवनिर्जिव का आधार तू
 
नमो नमोजी शंकरा
देवाधिदेव शंकरा
तेरे अनुपन तेज से
मेरे जिवन से तिमीर हरा
 
तू श्वेत और सुंदर तू
भक्तों का प्रेम सागर तू
जिस सागर में है विष्णू धाम
वो आनंद का क्षिरसागर तू
 
नमो नमोजी शंकरा
देवाधिदेव शंकरा
तेरे अनुपन तेज से
मेरे जिवन से तिमीर हरा
 
तू आत्मा और परमात्मा तू
अखंड ब्रम्हांड की विश्वात्मा तू
तू ज्ञान ज्ञानी और  ज्ञानद भी तू
तू स्वयं मोक्ष और मोक्षद भी तू
 
नमो नमोजी शंकरा
देवाधिदेव शंकरा
तेतेरे अनुपन तेज से
मेरे जिवन से तिमीर हरा
 
रविवार, //२५ , १२:४६ PM
अजय सरदेसाई (मेघ)

 


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