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Wednesday, 10 January 2024

मुझे ये बता


जब तु ही है साहील और तु ही नाखुदा I

फिर ये कश्ती किस लिए तु मुझे ये बता  II1 II


तु देखता है मुझे हर दम,मैं आंखों से तुझे देख नहीं सकता I

फिर भी ये चोली दामन का साथ हमारा क्युं है तू मुझे बता  II2 II


तेरी याद से दिल भर आए तेरे नाम से आंख I

ये कैसा है अजब प्यार हमारा तुम्हारा ये बता  II3 II


अनंत ब्रम्हांड को व्यापकर भी तु दस उंगली बाकी रहा I

मैं बस इक तिंनका फिर तु मेरे दिल में कैसे समाया ये बता  II4 II


तेरे मेरे लौकिक रुप में अंतर है बहुत ही बड़ा I

फिर हमारा अलौकिक स्वरुप एक क्युं है ये बता  II5 II


तुम में और मुझ में जब कोई अंतर ही नहीं I

फिर ये पर्दादारी किस लिए तू मुझे ये बता  II6 II

 

कश्ती = शरीर , body

 

बुधवार, दिनांक १०//२०२४ , १०:३०  PM

अजय सरदेसाई (मेघ)

 

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