वक्त बड़ा कम है बाँकी ।
सदैव श्री गुरुदेव दत्त भजो ।।
जिवन बन जाए सुख की झाँकी ।
सदैव श्री गुरुदेव दत्त भजो ।।
कोई चोर न दे पाए फाँकी ।
सदैव श्री गुरुदेव दत्त भजो ।।
आंखों पर लगी उत्तर जाए ढाँकी ।
सदैव श्री गुरुदेव दत्त भजो ।।
आप को न पाओगे एकाकी।
सदैव श्री गुरुदेव दत्त भजो ।।
वहीं है ब्रम्हा विष्णु व्योमकेशी ।
सदैव श्री गुरुदेव दत्त भजो ।।
।। अवधूत चिंतन श्री गुरुदेव दत्त ।।
बाँकी = बचा हुआ
झाँकी = सुखद अवलोकन , संक्षिप्त दर्शन
फाँकी = धोखा देते हुए किसी को किसी काम या बात से अलग रखना, वंचित रखना, छल, धोखा, चालाकी, तर्क
ढाँकी = कवर , पट्टी
शनिवार , दिनांक ६/१/२०२४ , ०५:१५ PM
अजय सरदेसाई (मेघ)
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