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Tuesday, 9 January 2024

मालिक



तुने मुझे यहाँ सब कुछ दिया है मेरे मालिक।

बस तुझे शुक्रिया कहने का हुनर दिया मालिक।।१।


मंज़िले दूर और राहे बड़ी मुश्किल थी जिन्दगी में।

लेकीन हर रह पर तु मेरा निगेहबान रहा मालिक।।२।


दिल को मेरे हर पल हर घड़ी तेरा एहसास हुआ।

लेकिन मैं ही तझे कभी देख पाया मालिक।।३।


जिन्दगी कुछ दुर तक भी नहीं चलती मेरी मालिक

अगर तुमने रहबर बनकर चलाया होता मालिक।।४।


तेज धुप में दरख़्तों कि शितल छाव मिली।

मैं जान गया ये सब तिरी मेहरबानियां मालिक।।५।


जिन्दगी बहुत खुबसूरत रही अब तक मालिक

तुने मुसीबतों को मुझ से बहुत दूर रखा मालिक ।।६।

 

मंगलवार, दिनांक //२०२४ , :०८ PM

अजय सरदेसाई (मेघ)

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