किसी का भाग्य,किसी की किस्मत
किसी की तकदीर सवर जाती है
सबकी जिन्दगी उभर जाती है
हे कृष्ण जब तेरी कृपा होती है II १ II
अहो भाग्य मेरे के मैने दिलसे जाना तुझे
क़िस्मत बुलंद थी मेरी जो दिलसे पुकारा तुझे
हे कृष्ण मेरी तकदीर सवर गयी
जब कृपाकर हे सखा तुने स्विकारा मुझे II २ II
तुम न हो साथ मेरे तो क्या भाग्य होगा
फुटी क़िस्मत उसकी जो तुमसे अन्जान रहेगा
उसकी तकदीर का क्या कहने भगवन
हे कृष्ण सखा मेरे जिस दिल में तु बसेगा II ३ II
बुधवार,२१/२/२०२४ , ९:३७ PM
अजय सरदेसाई (मेघ)
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