सूर्यः प्रजापतिः ।
सूर्यं ध्यायति तस्य वीर्यं बलवत्तरं भवति।
सः प्रतिभावान् भवति।
शरीरस्य मृत्योः अनन्तरं सूर्यलोकं गच्छति।
इति सत्यम् ।
सुर्य ही जनिता है। जो सुर्य का ध्यान करता है।उसका विर्य बलवान बनता है। वह प्रतिभावान बनता है।शरिर की मृत्यु के पश्चात वह सुर्य लोक जाता है। यही सत्य है।
सूर्य हा निर्माता आहे. जो सूर्याचे ध्यान करतो त्याचे वीर्य बलवान होते। तो प्रतिभावान होतो।शरीराच्या मृत्यु पश्चात तो सूर्य लोकांत जातो . हेच सत्य आहे।
The Sun
is the creator. He who meditates on the sun, his semen becomes strong and virile.
He becomes talented. After the body dies, he goes to the realm of the Sun. That is the Truth.
सोमवार २२/४/२०२४ १०:१० AM
अजय सरदेसाई (मेघ)
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