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Thursday, 17 August 2023

कर्म

 


कामना कर्मबीजम्। कर्मेव वज्रं संकल्पं  तस्य पृष्ठतः शक्तिः।शरीरमनसबुद्धिसंकल्पेन  यः स्वकार्यं ईश्वरं समर्पयति सः कर्मणा प्रभावितः भवति।सः कर्मविहीनः तिष्ठति।

इच्छा हे कर्माचे  बीज आहे. कर्म हे वज्रासारखे आहे. संकल्प ही त्यामागची शक्ती आहे. जो शरीर, मन आणि बुद्धीच्या संकल्पाने आपले कर्म भगवंताला अर्पण करतो त्याच्यावर कर्माचा प्रभाव होत नाही. तो कर्मविरहित राहतो.

इच्छा कर्म का बीज है. कर्म वज्र के समान है। इसके पीछे संकल्प ही शक्ति है। जो शरीर, मन और बुद्धि से संकल्प करके अपने कर्म को ईश्वर को समर्पित कर देता है, उस पर कर्म का प्रभाव नहीं पड़ता। वह कर्म से रहित रहता है।

Desire is the seed of Karma. Karma is like a thunderbolt. Resolution is the power behind it. He who surrenders his Karma to God by resolution of body, mind and intellect is not affected by Karma. He remains devoid of Karma.


अजय सरदेसाई ( मेघ ) 

गुरुवार , दिनांक १७/०८/२०२३ , ०९:०० PM

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