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Sunday, 10 December 2023

तेरे द्वार पर कबसे खडा हु देख इधर नंदलाल


तेरे द्वार पर कबसे खडा हु देख इधर नंदलाल।
 
तुने भर दी सबकी प्रेम से झोली मेरी झोली में भी कुछ डाल।
 
तेरे द्वार पर कबसे खडा हु देख इधर नंदलाल।
 
सुन कन्हैया मैं बड़ी  आस लेकर आया तु तोड़ दे माया जाल।
 
तेरे द्वार पर कबसे खडा हु देख इधर नंदलाल।
 
आज मैं भी तो सुनु तेरी मुरलिया जिसकी दुनिया मे नहीं मिसाल।
 
तेरे द्वार पर कबसे खडा हु देख इधर नंदलाल।
 
तुम को छोड़ कर जाऊ तो जाऊ कहॉं मैं बेचारा बेहाल।
 
तेरे द्वार पर कबसे खडा हु देख इधर नंदलाल।
 
युद्ध में तुने 
पार्थ का रथ चलाया, कन्हैया मेरी भी जीवन डोर संभाल।
 
तेरे द्वार पर कबसे खडा हु देख इधर नंदलाल।
 
रविवार, १०/१२/२०२३ , १०:४५ AM
 
अजय सरदेसाई (मेघ
)

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